कुशीनगर : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में रविवार को मदनी मस्जिद पर प्रशासनिक कार्रवाई के तहत बुलडोजर चलाया गया। बताया जा रहा है कि यह मस्जिद बिना नक्शा पास कराए सरकारी जमीन पर बनाई गई थी। प्रशासन ने जांच के बाद अवैध निर्माण की पुष्टि करते हुए मस्जिद के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया।
मामले की शुरुआत और जांच प्रक्रिया
इस मस्जिद को लेकर 18 दिसंबर 2024 को शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि मस्जिद का निर्माण नगर पालिका की अनुमति के बिना किया गया था। साथ ही, इस मामले में मस्जिद कमेटी के वित्तीय रिकॉर्ड में अनियमितताएं भी पाई गईं।

ध्वस्तीकरण कार्रवाई और राजनीतिक विवाद
रविवार को बुलडोजर और पोकलैंड मशीन की मदद से मस्जिद के आगे के हिस्से को तीन ओर से ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के खिलाफ विपक्षी दलों ने विरोध जताया, और समाजवादी पार्टी (सपा) ने 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर मौके का मुआयना किया।
हिंदूवादी संगठन और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हिंदूवादी नेता राम बचन सिंह द्वारा इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई थी, जिसके बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए। प्रशासन के अनुसार, मस्जिद की जमीन राजस्व रिकॉर्ड में पुलिस थाने के नाम दर्ज थी, बावजूद इसके वहां अवैध निर्माण किया गया।
मुस्लिम पक्ष की दलील
मुस्लिम पक्षकार जाकिर खान ने प्रशासन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह जमीन 32 डिसमिल में खरीदी गई थी, जिसमें से 30 डिसमिल पर मस्जिद बनी थी। उनका दावा है कि विवादित जमीन मस्जिद परिसर से बाहर है, और प्रशासन ने इस मामले को गलत तरीके से पेश किया।
यह मामला उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन और अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासनिक सख्ती का एक और उदाहरण है। जहां सरकार इसे नियमों के उल्लंघन पर की गई कार्रवाई बता रही है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने में जुटा है।