सीतारमण करेंगी ग्लोबल साउथ सुधारों की वकालत: UN, BRICS और NDB बैठकों में रखेंगी भारत का पक्ष

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी संयुक्त राष्ट्र (UN), ब्रिक्स (BRICS) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की बैठकों में ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों के हितों और सुधारों को प्रमुखता से उठाएंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रखेंगी बहुपक्षीय बैंक सुधार और सतत विकास की मजबूत मांग

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में बहुपक्षीय बैंकों में सुधार, निजी पूंजी जुटाने और सतत विकास कोष के लिए वित्तपोषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगी।

मुख्य एजेंडा:

  • Multilateral Bank Reform: वैश्विक वित्तीय संस्थाओं में विकासशील देशों के लिए अधिक न्यायसंगत भागीदारी और सुधारित संचालन ढांचा
  • Private Capital Mobilization: वैश्विक विकास और बुनियादी ढांचे के लिए निजी क्षेत्र से निवेश को प्रोत्साहित करने की रणनीति।
  • Sustainable Development Funding: जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा और टिकाऊ परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सहयोग को मजबूत करना।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई में होने वाली तीन उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भारत का पक्ष रखते हुए विकासशील देशों को अधिक वित्तीय सहायता, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं के अनुरूप विकास बैंकों को मजबूत करने, और सतत विकास पहलों में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी की जोरदार वकालत करेंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 30 जून से 5 जुलाई तक आधिकारिक दौरे पर रहेंगी। इस दौरान वह स्पेन में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की “विकास के लिए वित्तपोषण” सम्मेलन, रियो डी जेनेरो में न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की 10वीं वार्षिक बैठक, और BRICS देशों के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक में भाग लेंगी।

यह बैठकें ऐसे समय में हो रही हैं जब ग्लोबल साउथ को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है — जिनमें बढ़ता व्यापार संरक्षणवाद, एकतरफा नीतियां, और सस्ती पूंजी तक सीमित पहुंच जैसी समस्याएं शामिल हैं। इन मुद्दों के चर्चा के केंद्र में रहने की संभावना है।

सेविल (स्पेन) में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य प्रस्तुत करेंगी और एक प्रमुख सत्र में मुख्य भाषण देंगी। यह सम्मेलन सतत विकास के लिए निजी पूंजी जुटाने पर केंद्रित है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) को पूरा करने के लिए आवश्यक निवेश के स्रोतों को खोलने के तरीकों पर चर्चा होगी।

सम्मेलन के इतर, सीतारमण की मुलाकात कई शीर्ष वैश्विक नेताओं से निर्धारित है, जिनमें शामिल हैं:

  • जर्मनी और पेरू के वित्त मंत्री
  • न्यूज़ीलैंड के जलवायु परिवर्तन मंत्री
  • यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) की अध्यक्ष नादिया काल्विनो

इस दौरे का उद्देश्य भारत के विकासशील देशों के प्रतिनिधि स्वर को मज़बूती देना और वैश्विक निवेश व सहयोग की दिशा में भारत की भूमिका को रेखांकित करना है।

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