उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 208 आरोपियों के खिलाफ 4,175 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। इस आरोपपत्र में घटना का संपूर्ण विवरण, आरोपियों की संलिप्तता, और उपलब्ध साक्ष्यों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
19 नवंबर 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार की कोर्ट ने में संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। इसी दिन न्यायालय ने रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था और उन्होंने शाम को मस्जिद का सर्वे किया।
घटना का पृष्ठभूमि:
संभल जिले में कुछ समय पूर्व सांप्रदायिक तनाव के कारण हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और कई लोग घायल हुए थे। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए 208 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।
इनमें चार मामले संभल कोतवाली और दो नखासा थाने में दर्ज थे। हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

चार्जशीट
दाखिल की गई 4,175 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने घटना से संबंधित सभी तथ्यों, साक्ष्यों, और गवाहों के बयानों को संकलित किया है। इसमें आरोपियों की भूमिका, घटना की समयरेखा, और हिंसा के दौरान उपयोग किए गए उपकरणों का विवरण शामिल है। संभल हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने करीब 4175 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं. पुलिस का कहना है कि इस हिंसा में इस हिंसा में दुबई में बैठे एक गैंगस्टर शारिक साठा का हाथ है, पुलिस की गिरफ्त में आए शारिक शाटा गिरोह के सदस्य दीपासराय निवासी गुलाम ने बड़ा खुलासा किया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि शारिक साटा की साजिश थी कि जामा मस्जिद का सर्वे नहीं होने देना है। उसको संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का संरक्षण प्राप्त है.उसने ही कॉल करके लोगों को भड़काया और जामा मस्जिद के सर्वे को रोकने के लिए कहा था. इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या का साजिश भी रची गई थी.
आगे की कार्रवाई:
न्यायालय में चार्जशीट दाखिल होने के बाद, अब मामले की सुनवाई शुरू होगी। अदालत आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत साक्ष्यों का मूल्यांकन करेगी और न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेगी।
सांसद बर्क पर दर्ज मुकदमे में दाखिल नहीं हुई चार्जशीट
बवाल को लेकर दर्ज मुकदमों में से एक में संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान को भी नामजद किया गया है। सांसद के खिलाफ दर्ज मुकदमे में पुलिस ने बृहस्पतिवार को चार्जशीट दाखिल नहीं की है। पुलिस का कहना है सांसद ने इस मुकदमों को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में पुलिस इस मुकदमे में कानूनविदों की राय ली रही है।