राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में बड़ा निर्णय, कृष्ण मोहन नए सदस्य नियुक्त

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Ayodhya News: यूपी के आयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन के बाद उनके रिक्त पद पर उन्हीं के ही समाज से कृष्ण मोहन को सर्वसम्मति से ट्रस्ट का सदस्य चुना गया है.

राम मंदिर ट्रस्ट में कृष्ण मोहन बने नए सदस्य

राम मंदिर ट्रस्ट में खाली पद पर नया सदस्य नियुक्त किया गया है। सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन के बाद रिक्त हुए पद पर ट्रस्ट ने कृष्ण मोहन को सर्वसम्मति से चुना है।

हरदोई जिले के निवासी कृष्ण मोहन वर्ष 2012 में वन विभाग, महाराष्ट्र से सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के बाद से वे हरदोई में रहकर समाज सेवा में सक्रिय रहे हैं।

ट्रस्ट की ओर से जारी औपचारिक घोषणा में कहा गया कि कृष्ण मोहन का शामिल होना दलित समाज के प्रतिनिधित्व को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है।

दलित समाज से थे पूर्व सदस्य

राम मंदिर ट्रस्ट के दिवंगत सदस्य कामेश्वर चौपाल दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। उनके निधन के बाद से ही यह सवाल बना हुआ था कि उनकी जगह ट्रस्ट में किसे शामिल किया जाएगा। सोमवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से कृष्ण मोहन को नया सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।

वहीं, ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य राजा विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र के निधन से खाली हुए पद पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों के अनुसार, इस विषय पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

चूंकि विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या के प्रतिष्ठित राजघराने से जुड़े थे, ऐसे में उनके स्थान पर किसी नए सदस्य का चयन करना ट्रस्ट के लिए आसान नहीं माना जा रहा है।

नए सदस्य ने चयन पर क्या कहा?

नवनियुक्त सदस्य कृष्ण मोहन ने अपने चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए सम्मान और जिम्मेदारी का क्षण है। उन्होंने इसे प्रभु श्रीराम की सेवा का अवसर मानते हुए भरोसा दिलाया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण निष्ठा से निभाएंगे।

वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्वागत करते हुए कहा कि कृष्ण मोहन के आने से ट्रस्ट का कार्य और भी मजबूत होगा। उन्होंने याद दिलाया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई थी और वर्तमान में इसमें कुल 15 सदस्य हैं।

यह संस्था अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही है। बैठक में शामिल अन्य सदस्यों ने भी विश्वास जताया कि मंदिर निर्माण से जुड़े सभी कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएंगे।

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