रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दस्तावेज़ में बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया था, लेकिन भारत के पहलगाम जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण क्षेत्र को जानबूझकर छोड़ा गया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आपत्ति जताई कि दस्तावेज़ में भारत की क्षेत्रीय अखंडता की अनदेखी की गई है, जबकि पाकिस्तान के दृष्टिकोण को तवज्जो दी गई।
नई दिल्ली/बीजिंग:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में एक संयुक्त बयान (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। यह कदम उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि उस दस्तावेज़ में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का कोई उल्लेख नहीं था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
भारतीय पक्ष ने आपत्ति जताई कि इतना बड़ा आतंकी हमला होने के बावजूद, साझा दस्तावेज़ में इसपर कोई प्रतिक्रिया या निंदा शामिल नहीं की गई, जिससे यह भारत के लिए गंभीर असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
22 अप्रैल 2025 को TRF ने पहलगाम में किया भयावह आतंकी हमला, 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या — राजनाथ सिंह
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जानकारी दी है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नामक आतंकी संगठन ने निर्दोष पर्यटकों पर एक घिनौना और क्रूर हमला किया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें एक नेपाल के नागरिक भी शामिल थे।
राजनाथ सिंह ने बताया कि पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल किया गया और उसके बाद उन्हें गोली मार दी गई। इस आतंकी कार्रवाई की जिम्मेदारी खुद TRF ने ली है, जो कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रॉक्सी संगठन है।
पहलगाम आतंकी हमले का तरीका लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व हमलों से मेल खाता है; भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दी जवाबी कार्रवाई— राजनाथ सिंह
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,
पहलगाम में हुआ आतंकी हमला लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के भारत में किए गए पूर्व हमलों की तर्ज पर ही किया गया। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रक्षात्मक अधिकार का प्रयोग करते हुए, साथ ही सीमा पार से होने वाले संभावित हमलों को रोकने और उन्हें हतोत्साहित करने के उद्देश्य से, 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Op Sindoor) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान का उद्देश्य था सीमा पार स्थित आतंकी ढांचे को नष्ट करना, जिससे भविष्य में होने वाले हमलों को रोका जा सके।