उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ का असर: 25 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी

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Uttarakhand News: उत्तराखंड की धामी सरकार ने हाल के वर्षों में लगातार बढ़ रहे ढोंगी साधु संतों के गिरोहों और उनके अपराधों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है.

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि की बड़ी कार्रवाई: 25 ढोंगी बाबाओं की गिरफ्तारी, एक बांग्लादेशी भी शामिल

उत्तराखंड पुलिस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत शुक्रवार, 11 जुलाई को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से एक आरोपी बांग्लादेश का नागरिक है, जो बाबा का भेष धारण कर लोगों को ठग रहा था।

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। उन्होंने बताया,

“अब तक कुल 25 ढोंगी बाबाओं को पकड़ा गया है, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। उससे पूछताछ में पता चला है कि वह ढाका का रहने वाला है।”

उत्तराखंड सरकार ने हाल के वर्षों में धार्मिक भेष में छिपे अपराधियों और फर्जी साधु-संतों पर लगाम कसने के लिए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया है। ये लोग वशीकरण, धार्मिक चमत्कार, झूठे आशीर्वाद और भविष्यवाणी जैसे हथकंडों के ज़रिए जनता को गुमराह करते हैं, खासकर महिलाओं और युवाओं को अपने जाल में फंसा कर ठगी, मानसिक शोषण और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं।

अब पुलिस ऐसे पाखंडियों की तलाश में जुटी है और प्रदेशभर में धर्म के नाम पर हो रही ठगी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।

सड़क किनारे बैठे थे बाबा के भेष में पाखंडी, देहरादून SSP ने मौके पर ही दिए गिरफ्तारी के निर्देश

उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ढोंगी बाबाओं के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई में देहरादून पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। एसएसपी अजय सिंह जब नेहरू कॉलोनी क्षेत्र का औचक निरीक्षण करने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि कई फर्जी बाबा सड़क किनारे अपने पाखंड का पिटारा खोल बैठे हैं। ये लोग राहगीरों को मंत्र-तंत्र, ग्रह-नक्षत्र, और भाग्य बदलने जैसी बातों में उलझाकर भ्रमित कर रहे थे।

पूछताछ में जब इन लोगों से उनके दावों के प्रमाण मांगे गए, तो कोई धार्मिक प्रमाण या ज्ञान प्रस्तुत नहीं कर सके। वे केवल दिखावे और अंधविश्वास के ज़रिए लोगों को बहका रहे थे।

एसएसपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर ही सभी को हिरासत में लेने के निर्देश दिए। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 170 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया।

बांग्लादेश से आकर बना बाबा, देहरादून में कर रहा था ठगी — ‘रूकन रकम’ गिरफ्तार

उत्तराखंड पुलिस के ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ढोंगी बाबाओं पर कसी जा रही सख्ती में एक विदेशी नागरिक की सच्चाई भी सामने आ गई है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए 25 फर्जी बाबाओं में से एक युवक बांग्लादेश का नागरिक निकला

रूकन रकम उर्फ शाह आलम, उम्र 26 वर्ष, बांग्लादेश के जिला टंगाईल, ढाका का रहने वाला है। वह भारत में अवैध तरीके से घुस आया था और बाबा का भेष धरकर आम लोगों को ठगने का काम कर रहा था। पूछताछ में पता चला कि वह लंबे समय से अलग-अलग राज्यों में घूम-घूम कर लोगों को झूठे तांत्रिक उपायों और झाड़-फूंक के ज़रिए गुमराह कर रहा था।

पुलिस ने उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम (Foreigners Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा, एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) और आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की टीमें उससे गहन पूछताछ कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसका भारत आने और यहां रहने के पीछे कोई बड़ी साजिश या नेटवर्क तो नहीं है।

ये हैं गिरफ्तार किए हुए ढोंगी बाबा

प्रदीप, सहारनपुर, उ.प्र.
अनिल गिरी, उना, हिमाचल प्रदेश
मदन सिंह सामंत, चंपावत (हाल निवासी – हरिद्वार)
रामकृष्ण, यमुनानगर, हरियाणा
अर्जुन दास, असम
शौकीनाथ, यमुनानगर
शिनभु नाथ, सुगन योगी, मोहन जोगी, नवल सिंह, भगवान सह – सभी राजस्थान निवासी
रामकुमार, बुलंदशहर
सलीम, पिरान कलियर, हरिद्वार
गिरधारीलाल, राजस्थान
सुरेश लाल, बलिया, उत्तर प्रदेश

देवभूमि में ढोंग की कोई जगह नहीं: ऑपरेशन कालनेमि पर पुलिस सख्त, जनता से की अहम अपील

उत्तराखंड पुलिस ने स्पष्ट किया है कि देवभूमि की पवित्रता बनाए रखना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत ढोंगी बाबाओं और धर्म की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़े पर कड़ी कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा।

पुलिस ने दो टूक कहा है कि राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यदि कोई व्यक्ति साधु-संत के वेश में लोगों से झूठे वादे कर ठगी करता है, तांत्रिक उपायों के नाम पर डराता है या असामान्य व्यवहार करता है, तो जनता तत्काल पुलिस को सूचना दे।

इस अभियान के ज़रिए उत्तराखंड सरकार और पुलिस यह संदेश देना चाहती है कि “धर्म और आस्था की आड़ में कोई भी अपराध अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
राज्य की छवि और आस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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