गाज़ा में जारी संघर्ष के बीच एक और मर्मांतक त्रासदी सामने आई है। इजरायली हवाई हमलों में गाज़ा के एक कैफे पर हमला हुआ, जिसमें कम से कम 74 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग कथित तौर पर कैफे में आराम कर रहे थे या भोजन ले रहे थे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के अनुसार, हमले के समय कैफे पूरी तरह भरा हुआ था। इसके अलावा, भोजन और पीने के पानी की तलाश में निकले कई लोगों पर भी गोलीबारी की गई, जिससे दर्जनों घायल हो गए।
गाज़ा पर इज़राइली हमला: मदद की तलाश में जुटे नागरिकों पर बमबारी, 74 फिलिस्तीनियों की मौत
सोमवार को गाज़ा सिटी में इज़राइली सेना द्वारा किए गए घातक हवाई हमलों और नागरिकों पर गोलीबारी में कम से कम 74 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, यह जानकारी चश्मदीदों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी है।
इन मृतकों में कम से कम 30 लोग – जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं – अल-बक़ा कैफे (Al-Baqa Café) पर हुए एक हवाई हमले में मारे गए। यह कैफे गाज़ा सिटी के समुद्री किनारे पर स्थित था और युद्ध के 20 महीनों बाद भी चालू रहने वाले दुर्लभ व्यावसायिक स्थानों में से एक था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कैफे में बड़ी संख्या में आम नागरिक मौजूद थे, जो इंटरनेट चलाने और फोन चार्ज करने जैसे जरूरी कामों के लिए वहां आए थे। साथ ही, कुछ लोग भोजन और राहत सामग्री की उम्मीद में वहां इकट्ठा हुए थे।
गाज़ा युद्ध: खाद्य सहायता केंद्र से लौटते नागरिकों पर गोलीबारी, 11 की मौत
दक्षिणी गाज़ा के ख़ान यूनिस (Khan Younis) में सोमवार को इज़राइली सैनिकों ने कथित रूप से उन फिलिस्तीनी नागरिकों पर गोलीबारी कर दी जो खाद्य सहायता केंद्र से लौट रहे थे। इस हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, स्थानीय अस्पतालों और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है।
नासिर अस्पताल (Nasser Hospital) ने बताया कि मारे गए सभी लोग गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फंड (GHF) से जुड़े एक भोजन वितरण केंद्र से वापस आ रहे थे। यह फंड इज़राइल और अमेरिका द्वारा समर्थित एक मानवीय राहत पहल है।
पिछले एक महीने में GHF सहायता केंद्रों के पास 500 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान गई है, जो खाद्य या राहत सामग्री लेने की कोशिश कर रहे थे।
इज़राइली सेना ने दी सफाई: घटनाओं की जांच जारी, संदिग्ध हरकत पर दी जाती है चेतावनी
गाज़ा में नागरिकों पर हालिया गोलीबारी को लेकर उठे सवालों के बीच, इज़राइली सेना ने बयान जारी कर कहा है कि वह इन घटनाओं की समीक्षा कर रही है। सेना का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध गतिविधि करता है या सैनिकों के पास आता है, तो वे पहले चेतावनी के तौर पर गोली चलाते हैं।