Muzaffarnagar News:दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर पंडित जी वैष्णो ढाबा पर पहुंची स्वामी यशवीर की टीम ने कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगा, जिसके इनकार पर हंगामा हो गया.जिसके बाद पुलिस ने सख्ती की है.
UP News: कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में चलाए जा रहे पहचान अभियान ने विवाद खड़ा कर दिया है. इस अभियान के तहत कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानों, ढाबों और रेस्तरां में मालिकों और कर्मचारियों की पहचान जांचने का काम शुरू किया गया. शनिवार को दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर पंडित जी वैष्णो ढाबा पर पहुंची स्वामी यशवीर की टीम ने कर्मचारियों से आधार कार्ड मांगा, जिसके इनकार पर हंगामा हो गया. बारकोड स्कैन करने पर ढाबे के मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय से सामने आने के बाद विवाद और गहरा गया.
स्वामी यशवीर और उनकी टीम का दावा है कि कांवड़ मार्ग पर कुछ लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबे और दुकानें चलाकर शिव भक्तों को धोखा दे रहे हैं. 5000 अनुयायियों की टीम कांवड़ मार्ग पर ऐसी दुकानों की जांच कर रही है. पंडित जी वैष्णो ढाबा पर एक कर्मचारी की पैंट उतारकर पहचान जांचने की कोशिश की, जिस कारण हंगामा खडा हो गया. स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया.
पुलिस ने संभाला मोर्चा
हंगामे की सूचना पर स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत कराया. पुलिस अब मामले की जांच कर रही है और कांवड़ मार्ग पर शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अव्यवस्था या कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कांवड़ यात्रा और नेमप्लेट विवाद
यहां बता दें कि स्वामी यशवीर महाराज पिछले कुछ सालों से कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट लगाने की मांग उठाते रहे हैं. उनका कहना है कि यह अभियान सनातन धर्म की पवित्रता और शिव भक्तों की आस्था की रक्षा के लिए है. हालांकि, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के नेमप्लेट लगाने के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसे स्वामी यशवीर ने निराशाजनक बताया.