Brazil Journalist Steps On Missing Girl’s Body: ब्राज़ील में रिपोर्टिंग करते वक्त पत्रकार लेनिल्डो फ्राज़ाओ ने अनजाने में लापता 13 वर्षीय रायसा के शव पर पैर रख दिया.
ब्राज़ील के बकाबाल शहर में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पत्रकार ने लापता 13 वर्षीय स्कूली छात्रा की रिपोर्टिंग करते समय अनजाने में उसके शव पर पैर रख दिया। यह घटना उत्तर-पूर्वी ब्राज़ील की मियारीम नदी में घटी, जहां बच्ची को आखिरी बार अपने दोस्तों के साथ देखा गया था।
ब्रिटिश अख़बार The Sun की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार लेनिल्डो फ्राज़ाओ नदी की गहराई दिखाने के लिए पानी में उतरे थे। उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि उसी स्थान पर नदी के तल में बच्ची का शव मौजूद है।
शव से टकराने का अहसास होते ही घबरा गए पत्रकार, बोले—‘नीचे कुछ था… शायद उसका हाथ’
इस दिल दहला देने वाली घटना के वीडियो में देखा गया कि जब पत्रकार लेनिल्डो फ्राज़ाओ मियारीम नदी में रिपोर्टिंग कर रहे थे और पानी उनके सीने तक पहुंचा, तो वे अचानक घबरा गए और उछल पड़े। उन्होंने टीम से तुरंत कहा, “मुझे नीचे कुछ महसूस हुआ, जैसे कुछ छू गया।”
इसके बाद वह घबराकर उथले पानी की ओर लौटे और बार-बार पीछे मुड़कर उसी जगह को देखने लगे। उन्होंने असमंजस और डर में कहा, “मुझे लगता है पानी के नीचे कुछ है… शायद उसका हाथ हो सकता है, या फिर कोई मछली… मुझे नहीं पता। मैं और अंदर नहीं जा रहा, मुझे डर लग रहा है।”
पत्रकार की रिपोर्टिंग के बाद मिला लापता बच्ची का शव
ब्राज़ील के बकाबाल शहर में हुई दर्दनाक घटना में पत्रकार लेनिल्डो फ्राज़ाओ की रिपोर्टिंग के बाद 30 जून को दमकलकर्मियों और गोताखोरों ने एक बार फिर मियारीम नदी में तलाशी अभियान शुरू किया। उसी स्थान से 13 वर्षीय रायसा का शव बरामद किया गया, जहां फ्राज़ाओ रिपोर्टिंग कर रहे थे।
हालांकि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि लेनिल्डो ने वास्तव में रायसा के शव को छूने का अहसास किया था या नहीं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया ने खोजबीन की दिशा तय करने में मदद की।
अपनी रिपोर्टिंग के दौरान फ्राज़ाओ ने यह भी बताया था कि मियारीम नदी में तेज धाराएं हैं और नदी का तल असमान है, जो यहां तैरने वालों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा – डूबने से हुई रायसा की मौत, शरीर पर नहीं मिले चोट के निशान
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि 13 वर्षीय रायसा की मौत दुर्घटनावश डूबने से हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसके शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसकी मौत में कोई आपराधिक एंगल नहीं है।
रायसा का अंतिम संस्कार 30 जून की शाम को भावपूर्ण माहौल में किया गया। उसकी असमय मृत्यु से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। स्कूल प्रशासन ने तीन दिन का शोक घोषित किया, वहीं स्थानीय समुदाय ने कैंडल मार्च और प्रार्थना सभा आयोजित कर रायसा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
