नेपाल में हिंसा के बीच बिहार सतर्क, सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट

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Bihar Border High Alert: नेपाल में हिंसा को देखते हुए बिहार पुलिस ने सात सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी किया. सीमा पर चौकसी बढ़ी, पर्यटकों की आवाजाही रोकी गई, पुलिस-एसएसबी संयुक्त गश्त कर रहे हैं.

नेपाल में हिंसा का असर बिहार तक, सात सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट

नेपाल में लगातार बिगड़ते हालात का असर अब बिहार में भी दिखाई दे रहा है। पड़ोसी देश में फैली हिंसा को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय ने सात सीमावर्ती जिलों—पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल और किशनगंज—में हाई अलर्ट जारी किया है।

पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि सीमा पर 24 घंटे कड़ी निगरानी रखी जाए और चौकियों पर सीसीटीवी कैमरों से सतत मॉनिटरिंग की जाए।

सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच भारत-नेपाल सीमा से पर्यटकों की आवाजाही पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। हालांकि, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोग पहचान पत्र दिखाकर आ-जा सकेंगे।

नेपाल हिंसा के बीच बिहार में हाई अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

नेपाल में भड़की हिंसा के बीच बिहार के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी जिलों के डीएम और एसपी को आपसी समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

सीमा सुरक्षा बल (SSB) और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से गश्त कर रहे हैं। पुलिस और एसएसबी के जवानों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।

इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम लगातार सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से हालात की जानकारी लेकर मॉनिटरिंग कर रहा है।

क्या है पूरा मामला?

नेपाल में जारी हिंसा की जड़ सोशल मीडिया पर लगा बैन माना जा रहा है। हाल ही में नेपाल सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया।

सरकार के इस फैसले से युवाओं, खासकर जेन-ज़ी वर्ग में गुस्सा भड़क उठा। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे उग्र हो गए और कई जगह आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। हालात बिगड़ने के चलते हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की भी खबर है।

युवाओं के गुस्से की असली वजह

नेपाल में भड़के युवाओं के गुस्से की एक बड़ी जड़ सोशल मीडिया प्रतिबंध है। हालांकि, बेरोजगारी की गंभीर समस्या भी लंबे समय से युवाओं की नाराजगी का कारण रही है। नौकरी और रोजगार की कमी से परेशान युवाओं में पहले से ही असंतोष था, जिस पर सोशल मीडिया बैन ने आग में घी का काम किया। इसी वजह से विरोध प्रदर्शन अचानक उग्र हो गए।

बिहार में सुरक्षा कड़ी

इधर बिहार पुलिस ने साफ किया है कि नेपाल की स्थिति का असर सीमावर्ती जिलों तक न पहुंचे, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने अफवाहों से बचने और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है। साथ ही हालात की समीक्षा लगातार की जा रही है और आने वाले दिनों में अलर्ट की स्थिति परिस्थितियों के आधार पर तय होगी।

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