Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर भूस्खलन से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई और तीन घायल हो गए. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है.
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य श्रद्धालु घायल हो गए हैं।
यह हादसा ज़ेड-मोड़ के पास ऊपरी रेलपथरी क्षेत्र में हुआ, जहां भारी बारिश के कारण अचानक भूस्खलन आ गया। अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन की वजह से बालटाल मार्ग पर मलबा फैल गया और कम से कम 10 तीर्थयात्री इसकी चपेट में आकर नीचे की ओर बह गए।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है। इसे देखते हुए तीर्थ स्थल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अमरनाथ यात्रा को फिलहाल के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और राहत-बचाव कार्य जारी है।
राजस्थान निवासी दारा राम की पत्नी सोना भाई की भूस्खलन में मौत, बचाव अभियान जारी
गांदरबल जिले में अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन में घायल चार तीर्थयात्रियों को तुरंत बालटाल बेस कैंप अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक महिला को मृत घोषित कर दिया। मृतका की पहचान राजस्थान निवासी सोना भाई, पत्नी दारा राम के रूप में की गई है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों, एसडीआरएफ, पुलिस और सेना की संयुक्त बचाव टीमों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया और अन्य तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
इस बीच, सीमा सड़क संगठन (BRO) की 122 आरसीसी इकाई ने बालटाल मार्ग से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया है ताकि जल्द से जल्द यात्रा को फिर से सुचारु रूप से शुरू किया जा सके। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से खराब मौसम के दौरान सतर्क रहने और आधिकारिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
भारी बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा पर रोक, नए जत्थों को नहीं दी गई अनुमति
मौसम विभाग की चेतावनी और लगातार हो रही भारी बारिश के मद्देनज़र अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आज जम्मू से किसी भी नए तीर्थयात्री जत्थे को पवित्र गुफा की ओर रवाना होने की अनुमति नहीं दी है।
इसके अलावा, बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से आज यात्रा पूरी तरह बंद रही। अधिकारियों के अनुसार, केवल पहले से यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं की वापसी को ही अनुमति दी गई है। यात्रा मार्गों पर भूस्खलन और भारी वर्षा के चलते यह एहतियाती कदम उठाया गया है, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके।