नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार आठवीं बार केंद्रीय बजट पेश किया। संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के बीच पेश किए गए इस बहुप्रतीक्षित बजट 2025 में कर राहत और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक सहूलियतों की बड़ी उम्मीदें थीं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ सीतारमण ऐसी पहली वित्त मंत्री बन गई हैं, जिन्होंने लगातार आठ बार केंद्रीय बजट पेश किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं, जिनमें आयकर स्लैब में बदलाव, मखाना बोर्ड की स्थापना, और बिहार के लिए खास योजनाओं का एलान शामिल है। बजट ने न केवल किसानों और एमएसएमई सेक्टर को राहत दी है, बल्कि बिहार के आर्थिक विकास को भी मजबूती दी है।
आयकर स्लैब में बदलाव
वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को राहत देते हुए, 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई आयकर नहीं लगाने की घोषणा की है। यह बदलाव वेतनभोगी लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके अलावा, नई टैक्स स्लैब में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
4-8 लाख रुपये पर 5% कर
8-12 लाख रुपये पर 10% कर
12-16 लाख रुपये पर 15% कर
16-20 लाख रुपये पर 20% कर
20-24 लाख रुपये पर 25% कर
24 लाख रुपये से ऊपर पर 30% कर
यह टैक्स स्लैब मध्यम वर्ग को आर्थिक मजबूती प्रदान करने और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा।
बिहार के लिए अहम घोषणाएं
वित्त मंत्री ने बिहार के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया, जिससे मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार होगा। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को भी बढ़ाया गया है, और एमएसएमई को भी अतिरिक्त क्रेडिट मिलेगा। बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और पटना एयरपोर्ट का विस्तार करने की योजना है, जिससे परिवहन और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य अहम घोषणाएं
आयकर के नए विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी।
टीडीएस-टीसीएस की सीमा में बदलाव किया जाएगा और वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस छूट की सीमा बढ़ाई जाएगी।
36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट दी जाएगी।
निर्यात बढ़ाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जिसमें हैंडक्राफ्ट निर्यात के लिए समय सीमा बढ़ाई जाएगी।
बिहार के मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना शुरू की जाएगी, जो 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगी।
बीमा क्षेत्र में FDI को 74% से बढ़ाकर 100% किया जाएगा।
आधुनिक तरीके से पेश किया गया बजट 2025
निर्मला सीतारमण, जो भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, ने 2019 में औपनिवेशिक बजट ब्रीफकेस की परंपरा को तोड़कर पारंपरिक ‘बही खाता’ के साथ बजट पेश किया था। इस वर्ष भी, पिछले साल की तरह, बजट पेपरलेस माध्यम से टैबलेट पर प्रस्तुत किया गया।

आयकर कटौती की उम्मीदें और कर स्लैब की स्थिति
वर्तमान में भारत में अधिकतम आयकर दर 30% है, जो उच्च आय वर्ग के लिए लागू होती है। इसके अलावा, 25% या 37% तक का सरचार्ज (नए या पुराने टैक्स सिस्टम के आधार पर) और 4% सेस जोड़ने के बाद यह दर 42.7% तक पहुंच जाती है।
2023 के बजट में, सरकार ने नए कर व्यवस्था के तहत अधिकतम सरचार्ज को 37% से घटाकर 25% कर दिया था।
भारत की तुलना में अन्य देशों में आयकर दरें
भारत में उच्चतम आयकर दर को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखें तो विकसित देशों की दरें भी तुलनात्मक रूप से ऊंची हैं:
अमेरिका (USA):
10% से 37% तक की आयकर दरें लागू हैं।
$609K (₹5.3 करोड़) से अधिक की आय पर उच्चतम 37% कर दर।
$58,000 तक की आय पर अधिकतम कर 22%।
यूके (UK):
0% से 45% तक की आयकर दरें।
£125K से अधिक की आय पर 45% कर।
स्कॉटलैंड में कर दरें अधिकतम 48% तक जाती हैं।
ऑस्ट्रेलिया:
$190,000 (₹1.02 करोड़) से अधिक की आय पर 45% कर।
2% ‘मेडिकेयर’ लेवी के साथ अधिकतम कर दर 45.9%।
जर्मनी:
विवाहित व्यक्तियों के लिए €5,55,652 (₹5 करोड़) से अधिक की आय पर 45% कर।
अविवाहित व्यक्तियों के लिए €2,77,826 (₹2.5 करोड़) से अधिक की आय पर 45% कर।