Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की टीम को 10 जुलाई को खुफिया जानकारी मिली कि चोरी के आरोपी बांका जिले के बुढ़ीघाट जंगल में छिपे हुए हैं और चोरी की रकम और गहने आपस में बांट रहे हैं.
Delhi Crime News:दिल्ली पुलिस ने मॉडल टाउन इलाके में हुई हाई प्रोफाइल चोरी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य तीन आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 15 लाख रुपये नगद, और ढाई करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने, चांदी व हीरे के आभूषण बरामद किए हैं।
दिल्ली पुलिस में की गई शिकायत
दिल्ली पुलिस के अनुसार, मामला 27 जून का है, जब मॉडल टाउन निवासी अनीता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका घरेलू नौकर अरुण कुमार घर से लगभग 55 लाख रुपये नकद और भारी मात्रा में कीमती गहने चोरी करके फरार हो गया।
पीड़िता का परिवार दिल्ली के प्रतिष्ठित व्यापारी घरानों में से एक है, और इस हाई-प्रोफाइल चोरी से इलाके में हड़कंप मच गया।
जांच के लिए बनाई गई स्पेशल टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया। इस टीम ने तकनीकी निगरानी, सीसीटीवी फुटेज विश्लेषण, और जमीनी स्तर पर जांच को अंजाम दिया।
सीसीटीवी में आरोपी अरुण कुमार को एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बैग और ट्रॉली लेकर घर से निकलते हुए देखा गया। इसके बाद तकनीकी सर्विलांस के तहत कॉल डिटेल्स की जांच की गई, जिससे जांच की दिशा बिहार तक पहुंची।
दिल्ली पुलिस ने बिहार से तीन चोरों को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस को 10 जुलाई को खुफिया जानकारी मिली कि चोरी के आरोपी बिहार के बांका जिले के बुढ़ीघाट जंगल में छिपे हुए हैं और वहां चोरी की रकम और गहनों का बंटवारा कर रहे हैं।
जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने जंगल में छापेमारी कर तीनों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विवेक कुमार, वीरेंद्र यादव और पीयूष कुमार के रूप में हुई है।
हालांकि तीनों पहली बार किसी अपराध में शामिल हुए थे, लेकिन उनकी चोरी की योजना पूरी तरह पेशेवर अपराधियों जैसी थी।
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में अहम खुलासा
दिल्ली पुलिस की गहन पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। मुख्य आरोपी अरुण कुमार ने स्वीकार किया कि उसने अपने पांच साथियों—वीरेंद्र, कृष्णा, अजय यादव, महेश टांटी और विवेक के साथ मिलकर इस बड़ी चोरी को अंजाम दिया था।
पुलिस जांच में सामने आया कि चोरी के बाद नकदी और गहनों को एक जटिल नेटवर्क के ज़रिए कई लोगों में बांटा गया, ताकि पुलिस तक कोई स्पष्ट सुराग न पहुंचे।
वीरेंद्र ने चोरी की रकम दिलीप यादव को सौंपी, जिसने 17.5 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये कृष्णा के भाई राजेश को दे दिए। इसके बाद यह राशि मालती यादव, किश्तू यादव, पवन यादव और संदीप यादव जैसे कई लोगों तक पहुंचती गई।
पुलिस के अनुसार, नवीन यादव ने भी 5 लाख रुपये की रकम अपने पास रखी।
दिल्ली पुलिस की जांच जारी
दिल्ली पुलिस अब बाकी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और चोरी की बची हुई रकम और गहनों की बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. साथ ही इन आरोपियों की किसी अन्य आपराधिक मामले में मिलीभगत की भी जांच की जा रही है.