Bihar Bandh: पटना में पप्पू यादव को वैन पर चढ़ने से रोक दिया गया. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को भी चढ़ने नही दिया गया. पप्पू यादव को वैन पर चढ़ते वक्त रोकते हुए तस्वीर सामने आई है.
बिहार चुनाव से पहले पटना में राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA गठबंधन का मार्च, पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को मंच पर चढ़ने से रोका गया
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पटना स्थित चुनाव आयोग कार्यालय तक इंडिया गठबंधन के मार्च का नेतृत्व किया। इस मार्च में राजद नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई-एमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत कई विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे।
मार्च के दौरान जब राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य नेता एक खुली वैन (ओपन ट्रक) पर सवार हुए, उसी दौरान पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी वैन पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें वैन पर चढ़ने से रोक दिया।
सिर्फ पप्पू यादव ही नहीं, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को भी ट्रक पर चढ़ने नहीं दिया गया। इस घटना के बाद पप्पू यादव वहाँ से चले गए।
वायरल हुई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जब पप्पू यादव वैन पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, उनके कुछ समर्थक पहले ही ट्रक पर सवार हो चुके थे। एक सुरक्षा गार्ड उन्हें ऊपर चढ़ाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दूसरा गार्ड बीच में आ गया और उन्हें रोक दिया। इस दौरान पप्पू यादव गाड़ी से फिसलते हुए गिरते-गिरते बचे।
बता दें कि पटना के आयकर गोलंबर से शुरू हुए INDIA गठबंधन के विरोध मार्च के दौरान राहुल गांधी अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक खुली गाड़ी (वैन) में सवार हुए।
यह मार्च बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के विरोध में निकाला गया था।
इसको लेकर महागठबंधन ने बुधवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। विपक्षी दलों के कार्यकर्ता सड़कों और रेलवे ट्रैक पर उतर आए, जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ा।
पूर्णिया से निर्दलीय विधायक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी अपने समर्थकों के साथ ‘सचिवालय हॉल्ट’ रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने रेल यातायात बाधित करने की कोशिश की।
इस दौरान सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए तैनाती बढ़ा दी और आंदोलनकारियों को हटाने की कार्रवाई की गई।
यह विरोध प्रदर्शन विपक्षी दलों द्वारा चुनाव आयोग की निष्पक्षता और एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए किया गया है।