Samajwadi Party News: सपा नेता जयसिंह प्रताप ने लखनऊ में पार्टी दफ़्तर के बाहर ये पोस्टर लगवाए हैं जिसमें उन्होंने योगी सरकार के मर्जर के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
लखनऊ में सपा का पोस्टर वार: उत्तर प्रदेश में पांच हजार प्राइमरी स्कूलों के विलय को लेकर सियासी बवाल तेज हो गया है। इसी मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने लखनऊ में पोस्टर के जरिए योगी सरकार पर करारा हमला बोला है।
सपा नेता जय सिंह प्रताप यादव ने सपा मुख्यालय के बाहर एक विशाल होर्डिंग लगवाया है, जिसमें सरकार के स्कूलों को बंद करने के फैसले पर तीखे सवाल उठाए गए हैं।
होर्डिंग में:
- ऊपर की ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तस्वीर लगी है,
- और दूसरी ओर उन प्राथमिक विद्यालयों की छवियां हैं, जिन्हें सरकार विलय करने जा रही है।
जय सिंह प्रताप ने कहा,
“ये कैसा रामराज्य है जहां स्कूल बंद हो रहे हैं और शिक्षा को कमजोर किया जा रहा है?”
सपा का आरोप है कि योगी सरकार शिक्षा को लेकर संवेदनशील नहीं है और गांव-गांव में मौजूद छोटे स्कूलों को बंद कर बच्चों को पढ़ाई से दूर किया जा रहा है।
स्कूलों के मर्जर के खिलाफ सपा का पोस्टर प्रहार, अखिलेश बोले- शिक्षा छीन रही है सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर के 5,000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों के मर्जर के फैसले के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। अमेठी जिले के सपा नेता जयसिंह ने लखनऊ स्थित सपा कार्यालय के बाहर एक विवादित पोस्टर लगवाया है, जिसमें लिखा है:
“ये कैसा रामराज्य? बंद करो पाठशाला, खोलो मधुशाला!”
इस पोस्टर के सामने आते ही राजधानी में सियासी हलचल तेज हो गई है। सपा इसे गरीबों और पिछड़ों के खिलाफ षड्यंत्र बताते हुए सरकार को घेरने में जुट गई है।
सिर्फ लखनऊ ही नहीं, राज्य के कई जिलों में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए हैं और सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
इससे पहले सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मर्जर नीति पर खुलकर विरोध जता चुके हैं। उन्होंने कहा:
“यह फैसला शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है और सरकार गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों से शिक्षा का अधिकार छीन रही है। यह आरक्षण खत्म करने की साजिश है।”
अखिलेश यादव ने यह भी ऐलान किया कि जिन स्कूलों को योगी सरकार बंद करने जा रही है, वहां 15 अगस्त के दिन सपा कार्यकर्ता राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और शिक्षा की रक्षा के लिए संकल्प लेंगे।