दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर कहा कि सीएम रेखा गुप्ता ने जनता की समस्या को गंभीरता से समझते हुए मामले पर पुनर्विचार की मांग की है.
पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध: वीरेंद्र सचदेवा को रेखा गुप्ता सरकार पर भरोसा, न्यायिक राहत की उम्मीद जताई
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने राजधानी में पुरानी गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध को लेकर विश्वास जताया है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार सुप्रीम कोर्ट में जनता की परेशानियों को प्रभावी तरीके से रखेगी।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की स्पष्ट मंशा है कि सभी तकनीकी रूप से सही (मैकेनिकली फिट) वाहनों को न्यायिक राहत मिले, ताकि आम लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।
वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी बताया कि प्रतिबंध लागू होने के मात्र दो दिनों के भीतर ही सीएम रेखा गुप्ता ने आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए मामले पर पुनर्विचार की मांग की, जिसके चलते इस फैसले पर आंशिक राहत भी मिली।
उन्होंने इसे बीजेपी की जनहितैषी सोच और संवेदनशील नेतृत्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि पार्टी हमेशा आम नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और आगे भी रहेगी।
एक नवंबर तक प्रतिबंध पर रोक
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता पर केंद्र के आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में समय सीमा पूरी कर चुके वाहनों (ईओएल) में ईंधन भरने पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन को एक नवंबर तक स्थगित करने का निर्णय लिया.
ईओएल वाहन 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन हैं. पहले जारी निर्देशों के अनुसार, ऐसे वाहनों को एक जुलाई से दिल्ली में ईंधन नहीं दिया जाना था, चाहे वे किसी भी राज्य में पंजीकृत हों.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा?
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बीते सप्ताह केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से पुराने वाहनों (EOL Vehicles) के खिलाफ कार्रवाई रोकने की आधिकारिक अपील की थी।
उन्होंने इस कदम को “समय से पूर्व और संभावित रूप से प्रतिकूल” बताया, साथ ही इससे जुड़ी परिचालन और ढांचागत चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया। सिरसा का कहना था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के इस तरह का त्वरित प्रतिबंध आम जनता के लिए व्यावहारिक कठिनाइयाँ पैदा करेगा।
सूत्रों के अनुसार, सीएक्यूएम ने एक समीक्षा बैठक में इन तर्कों को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली में आदेशों के तत्काल क्रियान्वयन पर रोक लगाने का फैसला लिया।
अब यह अभियान 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के पांच उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों में चरणबद्ध रूप से शुरू किया जाएगा।
नंबर प्लेट पहचान कैमरे लगाए गए
दिल्ली में समय सीमा पूरी कर चुके (EOL) वाहनों पर कार्रवाई तेज करते हुए ईंधन स्टेशनों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे (ANPR – Automatic Number Plate Recognition) लगाए गए हैं।
इन कैमरों की खासियत यह है कि:
- ये वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करते हैं,
- तुरंत ही डेटा को केंद्रीय ‘वाहन’ डेटाबेस से मिलान करते हैं,
- और वाहन की उम्र, पंजीकरण और ईंधन प्रकार जैसी जानकारी तुरंत दिखाते हैं।
यदि कोई वाहन 10 साल से पुराना डीज़ल या 15 साल से पुराना पेट्रोल वाहन पाया जाता है,
तो सिस्टम ईंधन स्टेशन के कर्मचारियों को सचेत करता है कि उस वाहन में ईंधन न डाला जाए।
साथ ही, उस उल्लंघन को रिकॉर्ड कर लिया जाता है और संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित कर दिया जाता है।
इसके बाद क्या हो सकता है?
- वाहन को जप्त किया जा सकता है,
- और उसे कबाड़ घोषित कर नष्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
जनता का विरोध और सरकार की अपील
हालांकि इस सख्ती के चलते जनता में भारी असंतोष और व्यवहारिक समस्याएं देखने को मिलीं।
इन्हीं प्रतिक्रियाओं के बाद दिल्ली सरकार ने CAQM से इस योजना के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह किया।
अब फैसला लिया गया है कि:
- 31 अक्टूबर तक दिल्ली से सटे गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत जैसे उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों में ANPR कैमरों की स्थापना पूरी कर ली जाएगी।
- 1 नवंबर से इन जिलों में यह नियम पूरी तरह लागू किया जाएगा।