UP News:उत्तर प्रदेश के बागपत के एक छोटे से गांव से 435 किलोमीटर का सफर का तय करके कानपुर पहुंचे फरियादी ने डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से अपनी समस्याएं बताई है.
कानपुर न्यूज़: डीएम पर भरोसे ने तय करवाया 435 किमी का सफर, बागपत से कानपुर पहुंचे फरियादी राजकुमार
कानपुर में सोमवार को आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी सामने आई।
बागपत जिले के छोटे से गांव से आए फरियादी राजकुमार ने 435 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर कानपुर नगर के जिलाधिकारी (डीएम) जितेंद्र प्रताप सिंह से अपनी समस्या को साझा किया।
राजकुमार ने भावुक होकर कहा,
“मुझे डीएम साहब पर पूरा भरोसा है। विश्वास की डोर ही मुझे बागपत से कानपुर तक ले आई।”
करीब छह महीने पहले राजकुमार ने अपनी शिकायत बागपत में तत्कालीन डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने रखी थी। उस समय डीएम ने उनकी समस्या को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।
लेकिन समाधान से पहले ही डीएम का तबादला कानपुर हो गया।
राजकुमार का भरोसा डगमगाया नहीं। उन्हें यकीन था कि अगर डीएम साहब से फिर मुलाकात होगी, तो समाधान जरूर मिलेगा।
इसी विश्वास के चलते उन्होंने बड़ौत (बागपत) से कानपुर तक का लंबा सफर तय किया।
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक बार फिर उनकी शिकायत को गंभीरता से सुना और संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएम ने सुनी राजकुमार की समस्या, दिलाया समाधान का भरोसा
कानपुर में सोमवार को आयोजित जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक बार फिर फरियादी राजकुमार की समस्या को गंभीरता से सुना।
राजकुमार ने 435 किलोमीटर दूर बागपत से आकर अपनी बात रखी थी।
डीएम ने तत्काल बागपत के संबंधित अधिकारियों से फोन पर संपर्क कर समस्या के शीघ्र समाधान के लिए निर्देश दिए। केवल यहीं नहीं रुके—उन्होंने राजकुमार को जलपान भी कराया और रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए सरकारी वाहन की व्यवस्था भी की।
राजकुमार ने कहा:-
“मुझे डीएम साहब की संवेदनशीलता और न्यायप्रियता पर पूरा भरोसा था। छह महीने पहले जब वे बागपत में थे, तब भी उन्होंने मेरी बात को गंभीरता से लिया था। उसी विश्वास के सहारे मैं कानपुर आया। आज भी उन्होंने मेरी बात सुनी और समाधान का आश्वासन दिया।”
डीएम बोले- हर फरियादी की समस्या का शीघ्र हो निदान
बागपत से कानपुर तक 435 किमी का लंबा सफर तय कर आए राजकुमार की शिकायत को सुनना और तत्काल समाधान की दिशा में कदम उठाना, न केवल प्रशासन की उत्तरदायित्व भावना को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि एक संवेदनशील अधिकारी, लोगों के लिए कितनी आशा और विश्वास का केंद्र बन सकता है।
डीएम की त्वरित कार्रवाई और राजकुमार की उम्मीदों से भरी यह यात्रा, दूसरे अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि जनसेवा केवल दायित्व नहीं, एक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का नाम है।