बाबा विश्वनाथ के भक्तों में जबरदस्त उत्साह, कुछ ही मिनटों में खत्म हुए प्रमुख आरती के सभी टिकट

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द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल श्री काशी विश्वनाथ धाम में सावन महीने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं। वहीं, भोलेनाथ के भक्तों में इस पावन अवसर को लेकर गहरा उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रही है।

काशी विश्वनाथ धाम:

पवित्र सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। इसे लेकर वाराणसी स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ धाम में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। देशभर से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भारी उत्साह के साथ वाराणसी पहुंचने को तैयार हैं।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और उत्साह को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। इस बीच बाबा विश्वनाथ की विशेष पांच आरतियों के सभी टिकट सावन अवधि के लिए पहले ही पूरी तरह बुक हो चुके हैं। इससे भक्तों के बीच सावन को लेकर गहरी श्रद्धा और उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता है।

काशीपुराधिपति भगवान श्री काशी विश्वनाथ की प्रतिदिन पाँच विशेष आरतियाँ संपन्न होती हैं—मंगला आरती, भोग आरती, सप्तऋषि आरती, श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती। सावन माह में इन आरतियों में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सावन के लिए मंगला आरती, सप्तऋषि आरती और श्रृंगार भोग आरती के ऑनलाइन टिकट पहले ही पूरी तरह बुक हो चुके हैं। इससे यह स्पष्ट है कि भक्तों में बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजा को लेकर कितना उत्साह और श्रद्धा है। मंदिर प्रशासन द्वारा आरती के सुचारु आयोजन और भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

सावन की आरतियों को लेकर भक्तों में उत्साह, मात्र 30 मिनट में बुक हो गए सभी विशेष आरती के टिकट

सावन माह में बाबा विश्वनाथ के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इसी का परिणाम है कि मात्र 30 मिनट की अवधि में ही सभी विशेष आरतियों के टिकट पूरी तरह से बुक हो गए।

हालांकि, भोग आरती और शयन आरती के लिए कोई शुल्क या टिकट निर्धारित नहीं किया गया है।

मंदिर प्रशासन के अनुसार:

  • मंगला आरती सुबह 2:30 बजे से 3:45 बजे तक होती है।
  • सप्तऋषि आरती शाम 7:30 बजे से रात 8:45 बजे तक होती है।
  • श्रृंगार भोग आरती रात 9:00 बजे से 10:00 बजे के बीच संपन्न कराई जाती है।

सावन में स्पर्श और VIP दर्शन पर रहेगी रोक, मंदिर प्रशासन ने की पुष्टि

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने जानकारी दी है कि सावन माह के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और दर्शन की व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

श्रद्धालुओं की भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में जिगजैग लाइन, अलग-अलग प्रवेश द्वार, सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा बलों की तैनाती और प्राथमिक उपचार की सुविधा सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने बताया कि इस बार 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में करीब 1 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पूरे सावन महीने के दौरान बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन और वीआईपी दर्शन पर पूर्ण रूप से रोक रहेगी।

इस निर्णय का उद्देश्य सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से दर्शन का अवसर देना और भीड़ को सुचारु रूप से नियंत्रित करना है। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि सभी व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई है।

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