Akhilesh Yadav News: इटावा की घटना को लेकर सपा पर लग रहे जातीय राजनीति के आरोपों के बीच पार्टी की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया है, जिसमें सपा ने पीडीए का संदेश देने की कोशिश की है.
इटावा में कथावाचकों के मामले ने पूरी तरह जातिवादी रंग ले लिया है, जिसके बाद ये घटना अब यादव बनाम ब्राह्मण की हो गई है. जिसके बाद प्रदेश में जातिवादी राजनीति शुरू हो गई है. इस बीच समाजवादी पार्टी की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया है जिसमें पार्टी की ओर से पीडीए का संदेश देने का कोशिश की गई है.
समाजवादी पार्टी ने जो पोस्टर जारी किया है, उसमें अखिलेश यादव की किसी सभा को संबोधित करते हुए एक बड़ी सी तस्वीर लगी हुई है. इस पोस्टर के ज़रिए उन लोगों को जवाब दिया गया है जो इटावा कांड के बाद सपा पर पूरे मामले को जातीय रंग देने के आरोप लगा है. पोस्टर पर लिखा गया है- ‘हम जातिवादी नहीं, हां, हम PDA वादी हैं.’
सपा अध्यक्ष ने बीजेपी पर लगाया आरोप
अखिलेश यादव इस मामले को पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) से जोड़ दिया है. जिसके जरिए अखिलेश 2027 की पिच तैयार की जा सके. इससे पहले सपा मुखिया ने सरकार पर देश में व्यक्ति बनाम समाज का संघर्ष तेज करने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि, आज जहां एक ओर प्रभुत्ववादी ताकतें अन्याय कर रही हैं. वहीं PDA सकारात्मक राजनीति का प्रतीक है, जिसे नकारात्मक सोच वाली भाजपा और एनडीए स्वीकार नहीं कर सकते. सपा मुखिया ने कहा कि NDA निगेटिव लोगों का गठबंधन है, जबकि PDA पॉजिटिव सोच वालों का.
दरअसल इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचकों के साथ हुए आपत्तिजनक व्यवहार का मामला सामने आने के बाद अखिलेश यादव ने इन दोनों कथावाचकों को लखनऊ में पार्टी कार्यालय बुलाया और उनका सम्मान करते हुए कथा करवाई थी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर पूरे मामले को जातीय रंग देने का आरोप लगाते हुए जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाया है. बीजेपी जानती है कि ये मामला जितना तूल पकड़ेगा उससे बीजेपी को ही नुकसान होगा. इसलिए सीएम योगी बंटेंगे तो कटेंगे के नारे के साथ हिन्दुओं को एकजुट रहने का आह्वान कर रहे हैं.