हिमाचल के मंडी में बादल फटने से तबाही, 5 लोगों की मौत, कई घायल

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हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस कहर से हिमाचल को 500 करोड़ा का नुकसान हुआ है.

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, वहीं पांच अन्य लोग घायल हो गए और 16 व्यक्ति लापता हैं.  

हिमाचल में मंगलवार (1 जुलाई) को बादल फटने की 11 घटनाएं हुईं, जबकि अचानक बाढ़ की चार और बड़े भूस्खलन की एक घटना हुई. अधिकतर घटनाएं मंडी जिले में हुईं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ. सोमवार (30 जून) शाम से मंडी में 253.8 मिलीमीटर बारिश हुई.

ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बुधवार (3 जुलाई) को तीन जिलों कांगड़ा, सोलन व सिरमौर और शनिवार को चार जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं. मंडी में 994 ट्रांसफार्मर पर भी इसका असर पड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं तथा मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं.

332 लोगों को बचाया गया
एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को बचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं. मंडी जिले के गोहर में चार, करसोग में तीन, धरमपुर में दो और थुनाग में एक स्थान पर बादल फटने घटना हुई.

बाड़ा में दो और तलवारा में एक व्यक्ति की मौत हुई. करसोग के पुराने बाजार में एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक शव बरामद किया गया. मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान होने के कारण कई लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

NDRF-SDRF का बचाव अभियान जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दो-दो टीम पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर जिले में खोज और बचाव अभियान में लगी हुई हैं. जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं और ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. पंडोह बांध का जलस्तर खतरे के निशान 2,922 फुट के मुकाबले 2,941 फुट तक पहुंच गया है.

यात्रियों को हो रही असुविधा
चंडीगढ़-मनाली चार लेन मार्ग वर्तमान में द्वाडा, झलोगी और बनाला सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध है, जबकि कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए खुला है. कई स्थानों पर यातायात संबंधी समस्याओं के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री ने जताया शोक
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही लोगों से खराब मौसम के चलते सतर्क और सावधान रहने की अपील की गई है।

हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 जून को मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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